Saturday, July 11, 2009

मन्ज़िल थी वहा कही नही......

गमो कि तमन्ना किसको थी,
अब खुशियो की ज़िद्द किसको है.
राहे जहा जा कर खत्म हुई,
मन्ज़िल थी वहा कही नही.

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