Friday, June 26, 2009

नवाज शरीफ : गो एहेड

पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया है। यह मामला गैरकानूनी तरीके से हेलीकाप्टर खरीदने का था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज [पीएमएल-एन] के नेता शरीफ के हक में एक महीने में अदालत से आया यह दूसरा फैसला है। इससे उनके चुनाव लड़ने और सरकारी पद संभालने की राह का एक और रोड़ा हट गया है। 26 मई को सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके भाई शाहबाज शरीफ पर चुनाव लड़ने पर लगी पाबंदी हटा ली थी।

लाहौर हाई कोर्ट की रावलपिंडी पीठ ने नौ साल पुराने मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को बरी करते हुए कहा कि दूसरा पक्ष शरीफ पर लगे आरोप साबित नहीं कर पाया।

जुलाई, 2000 में एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने शरीफ को 14 साल कैद और पांच करोड़ रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई थी। उन्हें यह सजा एमआई-8 हेलीकाप्टर खरीद में धांधली का आरोप साबित होने पर दी गई थी। अदालत ने शरीफ को 21 साल तक कोई सरकारी पद संभालने से भी रोक दिया था। शरीफ ने फैसला राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसके खिलाफ अपील की थी।

राष्ट्रीय एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने शरीफ पर हेलीकाप्टर खरीदने पर दस लाख रुपये खर्च करने और टैक्स रिटर्न में इस रकम का जिक्र नहीं करने का आरोप लगाया था। लेकिन हाई कोर्ट में ब्यूरो अपना यह आरोप साबित नहीं कर सका। ब्यूरो ने दलील दी कि शरीफ ने समयसीमा खत्म होने के बाद अपील की है। अदालत ने यह दलील नहीं मानी। शरीफ की ओर से मुकदमा लड़ने वाले पीएमएल-एन के वकील ख्वाजा हैरिस ने दलील दी कि पूर्व प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के लिए हेलीकाप्टर किराये पर लिया था और इस पर आए खर्च का पूरा ब्यौरा अपने टैक्स रिटर्न में दिया था।

राष्ट्रीय एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है, लेकिन यह फैसला शरीफ के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। लेकिन शुक्रवार के फैसले के बाद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शरीफ को बधाई दी है। इसे देखते हुए लगता है कि ब्यूरो शायद ही इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाए।

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