बुर्का के खिलाफ फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के बयान पर भारत समेत दुनिया भर के मुस्लिम नेता भले ही एतराज जता रहे हों, फ्रांस अब बुर्का पर पाबंदी लगाने की तरफ एक कदम और बढ़ा चुका है। फ्रांसीसी संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने एक समिति गठित करने का फैसला किया है जो देश में बुर्का के इस्तेमाल रोकने के तरीकों पर विचार करेगी।
सोमवार को फ्रांसीसी संसद के विशेष सत्र के समक्ष सरकोजी ने कहा था कि बुर्का संस्कृति का फ्रांस में स्वागत नहीं है। ये कोई धार्मिक प्रतीक नहीं है, बल्कि महिलाओं को नीचा दिखाने का प्रयास है। उनके इस बयान पर दुनिया भर से प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, लेकिन राष्ट्रपति के बयान के बाद फ्रांसीसी संसद बुर्का पर पाबंदी की दिशा में और आगे बढ़ गई है। संसद ने बुर्का के इस्तेमाल को रोकने पर विचार के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है। बहुदलीय समिति में ज्यादातर सांसद सरकोजी की दक्षिण पंथी यूएमपी पार्टी के हैं। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ने बताया कि 32 सांसदों का पैनल छह माह तक बुर्का से जुड़े तथ्यों के अध्ययन के बाद रिपोर्ट देगा।
उधर, सरकोजी के बयान पर दुनिया भर में मुस्लिम नेताओं की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं। लेबनान के शिया समुदाय के एक प्रभावशाली धर्मगुरु ने सरकोजी से अपने बयान पर दोबारा विचार करने की अपील की है। अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्ला ने कहा कि किसी महिला पर बुर्का पहनने का दबाव नहीं डाला जा सकता। लेकिन वह खुद इसे पहनना चाहे तो उनकी इच्छा का सम्मान होना चाहिए।
भारत में भी मुस्लिम नेताओं ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी के मुताबिक इससे पता चलता है कि वह इस्लाम और मुस्लिमों से कितनी घृणा करते हैं। जमायत उलेमा-ए-हिंद के प्रवक्ता अब्दुल हमीद नोमानी ने कहा, 'लगता है वह इस्लाम विरोधी दुष्प्रचार से प्रभावित हैं।' अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता एस.क्यू.आर. इलियास ने भारत सरकार से फ्रांस के समक्ष विरोध दर्ज कराने की मांग की। वहीं दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता मौलाना अशरफ उस्मानी ने कहा, 'पर्दा इस्लामी पहचान का हिस्सा है। इसे प्रतिबंधित कैसे किया जा सकता है? पश्चिमी यूरोप में सबसे ज्यादा मुसलमान फ्रांस में रहते हैं, जिसमें भारतीय प्रवासी भी हैं।
(SABHAR "DAINIK JAGARN")
तो क्या बीते जमाने की बात हुई ब्लॉग लेखन
3 weeks ago
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