मेरे हमसफ़र, मेरे हमकदम;
चलते कम से कम, सन्ग दो कदम।
है राहे जुदा ओ’ मन्जिल जुदा;
फ़िर मिले गे हम, क्यो है ये भरम.
बात निकले गी तो दूर तलक जाये गी............
मेरे हमसफ़र, मेरे हमकदम;
चलते कम से कम, सन्ग दो कदम।
है राहे जुदा ओ’ मन्जिल जुदा;
फ़िर मिले गे हम, क्यो है ये भरम.
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