Thursday, June 18, 2009

मेरे हमसफ़र, मेरे हमकदम



मेरे हमसफ़र, मेरे हमकदम;

चलते कम से कम, सन्ग दो कदम।

है राहे जुदा ओ’ मन्जिल जुदा;

फ़िर मिले गे हम, क्यो है ये भरम.

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