Friday, August 14, 2009

स्वतन्त्र्ता दिवस : कुछ यादे

कुछ यादे अतीत से (लाल किला दिल्ली: प्रथम दिवस):









Thursday, August 13, 2009

चायवाला हिन्दी लेखक : दिल्ली (हिन्दी)

फ़ुर्सतिया जी के निर्देश पर मेरी पोस्ट का हिन्दी भावानुवाद आप सब के लिये प्रस्तुत है:

नई दिल्ली:

दिल्ली के लक्ष्मण राव सड़क के किनारे ठीक हिन्दी भवन (ITO के पास) के बाहर चाय बेचते है.

लेकिन कुछ लोगों ही हिन्दी साहित्य के लिए राव के योगदान के बारे मे जानते है. उन्होंने कहा कि पिछले 37 वर्षों में कोई कम से कम 20 किताबें लिखी है. हालांकि राजधानी में लेखन दुनिया मे शायद ही उससे कोई एक चायवाला से बेहतर व्यवहार करता हैं,

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति भवन में उनका नवीनतम उपन्यास " रेणु" पढ़ने के बाद उन्हे आमंत्रित किया.

राव का जुनून है लिखना, पर उसकी चाय की दुकान से ही घर चलता है. वह मात्र एक किशोर थे, मुश्किल से 18 साल के, जब उन्हो ने अपना पहला उपन्यास लिखा था। तब से राव ने राजनीति, सामाजिक मुद्दों, लोगों और जीवन पर लिखा है।

वह हिन्दी भवन के बाहर सड़क पर नौ बजे से सारे बर्तनो के साथ हर सुबह शुरु करते है तो वह अपने घर के लिए शकरपुर नौ बजे शाम को निकलते है। उनकी दैनिक कमाई? 100 रुपये और 150 रुपये के बीच कुछ भी। सड़क के किनारेसे राष्ट्रपति भवन,राव का यह एक सपना सच हुआ। राव कहते हैं ''ज्यादातर लोग विश्वास नहीं कर सकते है कि एक चायवाला किताबें लिख सकता हैं। शुरू में मुझे प्रकाशक भी नहीं मिला। मैं हिन्दी भवन के बाहर 15 साल के लिए पर बैठा पर किसी भी साहित्यिक समारोह के लिये वहां आमंत्रित कभी नहीं किया गया''

वे कहते हैं "राष्ट्रपति से मिलना एक महान क्षण था। मेरा परिवार और मैं 15 मिनट के लिए उससे मिले। उन्होने मुझसे पूछा मैंने कैसे चाय बेचने के साथ लिखने को प्रबंधित किया। उनसे मिलकर काम को आज मात्र मान्यता मिल गयी''

विदर्भ मित्र मंडल, बुद्धिजीवियों का एक समूह, जो राव के साथ जुड़ा हुआ है , ने पहले राष्ट्रपति को राव का काम प्रस्तुत किया था।

वे दिल्ली 1975 में आये और निर्माण स्थलों पर एक मजदूर के रूप में काम किया, ITO के पास तम्बाकू उत्पादों व चाय की अपनी झोंपड़ी की स्थापना से पहले विभिन्न ढाबो में बर्तन साफ किये। राव ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक बाहरी उम्मीदवार के रूप में से बी.ए. किया।

वह पहले से ही अपनी बीस मे से आठ पुस्तकें प्रकाशित कर चुके है और चार अन्य जल्द ही प्रिंट के लिए जाये गी. जब पुस्तकों के लिए एक भी प्रकाशक नहीं मिल सका था, तब वह स्वयं एक प्रकाशक बन गये और भारतीय साहित्य कला प्रकाशन शुरू किया। राव कहते हैं ''आप को एक सजे कार्यालय की जरूरत नहीं है। बस अपना काम संकलन और मुद्रण के लिए कोई प्रेस में दे। प्रकाशक आगे अब रहे है, लेकिन मैं अपने आप सब कुछ संभाल सकता हु''

राव अपनी किताबो का विपणन खुद भी करते है। ''मैं आमतौर पर साइकिल से विभिन्न स्कूलों और रोहिणी, सीलमपुर और अन्य क्षेत्रों के कॉलेजों में जाता हु और किताबें बेचने के लिए एक छोटी सी स्थापना भी की है। शिक्षक हिन्दी साहित्य में मेरी किताबें खरीदने मे दिलचस्पी लेते है। प्रकाशक मेरे लिए यह सब नहीं कर सकते''। वह अपने नियमित ग्राहकों के लिए 50% की छूट में अपनी किताबें बेचते है।

राव अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते है। उनका छोटा बेटा एक B.Com. विद्यार्थी है, जबकि बड़ा बेटा सी.. का छात्र है। वे कहते है ''मेरा परिवार शुरू से चाहता था कि मै चाय की बिक्री पर ध्यान केंद्रित करू. , मैंने नौकरी खोजने के बारे में सोचा ही नहीं, क्योकि मै लेखक के रूप में जीना चाहता था. ऐसा लगता है किताबों के लिए मेरा जुनून ही है जो मुझे यहा तक लाया है''

Tuesday, August 11, 2009

स्वाइन फ्लू से बचाव

स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करें : कैसे फैलता है स्वाइन फ्लू?
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क्या होता है फ्लू?
फ्लू इंफलेन्जु वायरस के संक्रमण से होता है। यह सामान्यतः प्रतिवर्ष ठंड के मौसम में या उसके आसपास होता है। इसके लक्षण में सामान्य सर्दी, खाँसी, तेज बुखार, हाथ-पैर व कमर में दर्द, ठंड के साथ बुखार व थकावट आदि होते हैं।
क्या अंतर है सामान्य सर्दी-खाँसी एवं फ्लू में?
सामान्य सर्दी-खाँसी के अलावा फ्लू में बुखार, हाथ-पैरों कमर में दर्द, सिर दर्द, थकावट आदि तेज लक्षण साथ में होते हैं।कैसे अंतर करेंगे? स्वाइन फ्लू को साधारण फ्लू से लक्षण के आधार पर अंतर करना संभव नहीं है। लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से जिसे स्वाइन फ्लू है, इसकी आशंका अधिक बढ़ जाती है।
क्या सूअर (स्वाइन) के संपर्क से भी हो सकता है?
फ्लू वायरस के संक्रमण के शुरुआती दौर में यह भ्रम होता है कि यह वही फ्लू है जो सूअरों में होता है। लेकिन यह नया वायरस है। अतः सूअर के संपर्क में आने से या उसका मांस खाने से नहीं फैलेगा।
कैसे फैलता है स्वाइन फ्लू?
1. संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से।
2. उन वस्तुओं को हाथ लगाने से जिसे संक्रमित व्यक्ति ने छुआ हो। संक्रमित व्यक्ति स्वयं के लक्षण आने के एक दिन पहले से सात दिन बाद तक इसे फैला सकता है।
स्वयं को कैसे बचाएँ?
1. जितना संभव हो हाथ साबुन से धोएँ।
2. यदि साबुन उपलब्ध न हो तो अल्कोहल आधारित क्लिनर से हाथ धोएँ।
3. संक्रमित व्यक्ति या ऐसा व्यक्ति जिसे स्वाइन फ्लू की आशंका हो, उससे दूरी रखें (कम से कम ६ फुट)।
4. यदि आपको स्वयं को स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो घर में रहिए।
5. यदि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना भी पड़ता है, तो फेस मास्क या रेस्पिरेटर पहनें।
6. स्तनपान कराने वाली माताएँ स्वयं के संक्रमित होने पर बच्चे को दूध न पिलाएँ।
7. खाँसी या छींक आने पर टिशु पेपर का इस्तेमाल करें एवं उसे तुरंत डस्टबीन में फेंकें।
8. भीड़ वाली जगह पर न जाएँ।
9. पानी अधिक मात्रा में पिएँ।
10. भरपूर नींद लें, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
क्या फेस मास्क या रेस्पिरेटर से बचाव संभव है?
इसके उपयोग से कुछ हद तक बचाव संभव है। रेस्पिरेटर मास्क से ज्यादा प्रभावकारी है। साथ ही वायरस को ज्यादा प्रभावशाली तरीके से दूर रखता है।
क्या इसका टीका बाजार में उपलब्ध है?
अभी तक तो नहीं। लेकिन संभव है कि अगले 2-3 महीनों में स्वाइन फ्लू से लड़ने का टीका बाजार में उपलब्ध हो जाए।क्या हाल-फिलहाल की वैक्सीन से बचाव संभव है? नहीं। साधारण फ्लू वैक्सीन से स्वाइन फ्लू का बचाव संभव नहीं है।
इसके लिए कोई दवा है?
हाँ। आसिलटेमाविर (टेमीफ्लू) नाम की दवा यदि लक्षण आरंभ होने के 48 घंटे के अंदर शुरू की जाए तो सहायक हो सकती है।
बच्चों में लक्षण :
तेज साँस चलना या साँस लेने में तकलीफ होना।त्वचा के रंग में बदलाव आनाअगर बच्चा यथोचित पानी नहीं पी रहा है.
लगातार उल्टियाँ होनाफ्लू जैसे लक्षण और ठीक होने के बाद पुनः बुखार आना और खाँसी की बहुत ज्यादा तकलीफ होना।
बच्चों के इस बीमारी की चपेट में आने की आंशका ज्यादा है क्योंकि वे स्कूल में दोस्तों से करीब से मिलते-जुलते हैं, बच्चों को इससे बचाएँ।
यदि बच्चा बीमार है तो उसे घर में ही रखें।
जब तक फ्लू या इससे मिलते-जुलते लक्षण दिखाई न दें घबराए नहीं। बच्चे को तुरंत पीडियाट्रिक्स को दिखाएँ।खाँसते या छींकते समय नाक को ढँककर रखने की आदत डालें।
बच्चों को हिदायत दें कि वे जहाँ तक संभव हो दूर से बातचीत करें।

Source : http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/health/health/0908/11/1090811035_1.htm